जिला में अब तक 2270770 घरों को चैक किया गया, 11311 को मच्छर का लारवा पाए जाने पर दिए गए नोटिस
गुरूग्राम, 6 अक्टूबर। मच्छरजनित बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए गुरूग्राम का स्वास्थ्य विभाग जिला प्रशासन के सहयोग के साथ सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है और अब तक जिला में 22 लाख 70 हजार से ज्यादा घरों को चैक किया जा चुका है। इनमें से 11311 घरों में मच्छर का लारवा पाए जाने पर उनके मालिको को नोटिस जारी किए गए हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादवने बताया कि बारिश के मौसम में पानी खड़ा रहने की वजह से मच्छर जनित रोग फैलने का खतरा रहता है जिसमें विशेष तौर पर डेंगू, मलेरिया तथा चिकनगुनिया रोग शामिल हैं। इन बिमारियों से बचने के लिए जो सावधानियां अपनाई जानी है उसके बारे मंे समय-समय पर लोगों को जागरूक किया गया है कि वे अपने घर के अंदर या बाहर पानी खड़ा ना होने दें। उन्होंने बताया कि लोगोें को यह समझना चाहिए कि इन बिमारियों से बचाव के लिए जरूरी है कि लोग अपने आस पास स्वच्छता का विशेष तौर पर ध्यान रखें और अपने घरों के आस पास मच्छर ना पनपने दें। जिला में अब तक डेंगू के 1823 सैंपल जांच के लिए भेजे गए जिनमें से 73 डेंगू तथा 2 मलेरिया के मामलों की पुष्टि हुई है।
सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र यादव ने बताया कि 2 लाख 51 हजार 814 लोगों की ब्लड स्लाइड बनाकर परीक्षण किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मच्छर जनित बिमारियों की रोकथाम को लेकर निरंतर अभियान भी चलाया जा रहा है। टीम द्वारा कूलरों, ओवरहैड टैंकों सहित ऐसे संदिग्ध स्थानों जहां मच्छर पनपने की संभावना है, वहां एंटी लारवा गतिविधियां चलाई जा रही है जिसके तहत टेमीफोस दवाई का छिड़काव किया जा रहा है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर रैपिड फीवर सर्वे भी करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों को भी मच्छरजनित बीमारियों के सर्विलांस तथा केस मैनेजमेंट संबंधी रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
डा. यादव ने बताया कि मच्छरों को पनपने से रोकने में गंबूजिया मछली काफी कारगर रहती है। इसको ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मत्स्य पालन विभाग के सहयोग से जिला में स्थित 173 वाटरबॉडिज अर्थात् जलाशयों में गंबूजिया मछली के बीज डाल दिए गए हैं ताकि उनमें मच्छर का लारवा पैदा ना हो। जिला में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए क्षेत्रवार 56 फोगिंग मशीनों के माध्यम से फोगिंग करवाई जा रही है। फोगिंग करवाने के लिए नगर निगम के हैल्पलाइन नंबर-18001801817 तथा 0124-44055779 पर प्रातः 9 बजे से सांय 5 बजे तक संपर्क किया जा सकता है। इसके साथ ही जिला में लोगों को मच्छरजनित बीमारियों से बचाव को लेकर विभिन्न प्रचार माध्यमों के जरिए जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जिला के सैक्टर-31 स्थित पॉलीक्लिनिक, सैक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में डेंगू , मलेरिया व चिकनगुनिया की टैस्टिंग, स्क्रीनिंग व ट्रीटमेंट की सुविधा दी गई है। उन्होंने बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए डेंगू के लिए सैक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में 30 बैडिड बनाया गया है। निजी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे डेंगू व चिकनगुनिया के लिए होने वाले एनएस-1 तथा एलजीआई के टेस्ट के लिए 600 रूप्ये तथा डेंगू के आरटीपीसीआर के टैस्ट 1000 रूप्ये से अधिक चार्ज नही कर सकते। आमजन की सुविधा के लिए निर्धारित दरों को अस्पताल परिसर में बने नोटिस बोर्ड पर लगाए जाना अनिवार्य है।
डा. यादव ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि वे सप्ताह में एक दिन अपने घर के आस-पास सफाई करें और सुनिश्चित करें कि कहीं पर भी पानी खड़ा ना हो। मच्छरजनित बीमारियों की पहचान संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यदि व्यक्ति को तेज बुखार, मितली, जोड़ो और मांसपेशियों में दर्द , त्वचा पर लाल चकते तथा थकावट महसूस हो तो तुरंत स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क करें। उन्होंने कहा कि डेंगू व मलेरिया के लिए कोई विशिष्ट दवा उपलब्ध नही है। बुखार या दर्द कम करने के लिए पैरासिटामोल का उपयोग किया जा सकता है। एस्प्रिन ना खाएं और तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क करें। उन्होंने बताया कि एडिज मच्छर घर के अंदर और आस पास ठहरे साफ पानी में पनपता है इसलिए जरूरी है कि मच्छरों को पनपने से रोकें। पानी के सभी बर्तन , टंकी आदि को पूरी तरह से ढक कर रखें। सप्ताह में एक बार कूलर , फूलदान , पशु व पक्षियों के बर्तनों, हौदी को सुखाकर ही पानी भरें। अनुपयोगी बर्तन, कबाड़, टायर, नारियल के खोल आदि को नष्ट कर दें। पूरी बाजू के कपड़े पहने एवं सोते हुए मच्छरदानी का उपयोग करें।