-जिला में खसरा रूबेला रोग की रोकथाम के लिए 13 से 19 फरवरी के बीच चलाया जाएगा विशेष टीकाकरण अभियान,
-एडीसी ने स्वास्थ्य विभाग की जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक में अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने के दिए निर्देश
गुरुग्राम, 01 फरवरी।
गुरुग्राम के एडीसी विश्राम कुमार मीणा ने कहा कि मीजल्स(खसरा) जैसी बीमारी का यदि समय रहते इलाज नही कराए तो यह जानलेवा हो सकती है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा मिले निर्देशों के तहत जिला में 13 से 19 फरवरी के बीच खसरा-रूबैला रोग उन्मूलन को लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा। वे आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित जिला टास्क फोर्स कमेटी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। एडीसी श्री मीणा की अध्यक्षता में यह बैठक विकास सदन स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित की गई थी।
केंद्र सरकार ने देश को इस वर्ष के अंत तक खसरा-रूबेला रोग मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
ऐसे में निर्धारित लक्ष्य की शत प्रतिशत प्राप्ति के लिए गम्भीरता से कार्य किया जाए। निर्धारित लक्ष्यों के तहत किए जा रहे प्रयासों की मॉनिटरिंग के लिए अब प्रत्येक माह ब्लॉक स्तर व जिला स्तर की टास्क फोर्स कमेटी की बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग खसरा-रूबैला टीका से वंचित लाभार्थियों की सूची तैयार करे जिसके आधार पर सभी लाभार्थियों का टीकाकरण कराना सुनिश्चित किया जा सकें। साथ ही जो क्षेत्र खसरा-रूबैला रोग से प्रभावित हो वहां ऐहतियात के तौर पर सभी लाभार्थियों को अतिरिक्त एक डोज दिया जाए। उन्होंने बच्चों के स्वास्थ्य को मद्देनजर रखते हुए लोगों को टीकाकरण अभियान से जोड़ने के लिए जिला में व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर भी बल दिया।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव ने बताया कि खसरा बिमारी से टीका लगवाकर बचाव हो सकता है और ये बिमारी उन बच्चों में फैलती है जिनका टीकाकरण नही हुआ है। खसरा से बचाव के लिए एमआर (मीजल्स रूबेला) वैक्सीन की दो खुराकें (शिशु के पैदा होने के 9 महीने में पहली खुराक और 18 महीने में दूसरी खुराक) दी जानी होती है। गुरुग्राम में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी उप सिविल सर्जन डॉ जय प्रकाश की देखरेख में चलाए जा रहे इस टीकाकरण अभियान में 5 वर्ष तक के बच्चों को वैक्सीन लगाने की योजना है। जिला में खसरा बिमारी की रोकथाम के लिए सघन टीकाकरण के साथ ही महिलाओं के स्वास्थ्य की भी जांच होगी और उनमें जो भी कमियां जैसे खून की कमी या अन्य कमियां होंगी उनको दूर करने के लिए उन्हे दवा इत्यादि दी जाएगी।
बैठक में डॉ जय प्रकाश ने बताया कि जिला स्तरीय अभियान के तहत जिला के साँचोली गांव सहित आसपास के पांच से सात गांवों में विशेष फोकस किया जाएगा। इन गांवो में नौ महीने से 10 साल के ऐसे बच्चे जिन्हें एमआर (मीजल्स रूबेला) वैक्सीन की एक या दो खुराकें दी जा चुकी हैं। उन्हें एतिहातन तौर पर एमआर (मीजल्स रूबेला) वैक्सीन की एक डोज़ और दी जाएगी।
कृमि संक्रमण से बचाव के लिए 10 व 17 फरवरी को वितरित की जाएंगी एल्बेंडाजोल की टेबलेट्स
बैठक में डॉ शैलेंद्र ने बताया कि कृमि संक्रमण से बच्चों के स्वास्थ्य पर अनेक हानिकारक प्रभाव होते हैं, जिससे बच्चा कुपोषण, खून की कमी, भूख न लगना, बेचैनी, पेट में सूजन, उल्टी दस्त से परेशान रहता है। ऐसे में जिला में कृमि संक्रमण से बचाव के लिए 10 व 17 फरवरी को कृमि नियंत्रण की दवाई एल्बेंडाजोल की टेबलेट्स स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से नि:शुल्क दी जाएगी।
एडीसी श्री मीणा ने जिला के अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि हम सभी को यह सुनिश्चित करना है कि जिला का कोई भी बच्चा इस अभियान से अछूता ना रहे। इस अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने में अपना योगदान अवश्य दे।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित अभियान से जुड़े अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।