नई दिल्ली, 27 जून :
दिल्ली और देश में कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ने लगी है। विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर की भविष्यवाणी कर रहे हैं। हालांकि इस बीच कई छात्र, अभिभावक एवं अभिभावक संगठन चाहते हैं कि अब ऐसे स्थानों पर स्कूल खोले जाएं, जहां कोरोना का प्रकोप कम हो चुका है।
ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, एक अनुमान के मुताबिक सरकारी स्कूलों के लगभग 30 प्रतिशत छात्र 'स्कूल ड्राप आउट' हो चुके हैं। हमें इस बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि बच्चों के लिए सबसे अच्छी और सुरक्षित जगह स्कूल है। लंबे समय तक स्कूलों के बंद रहने से बाल श्रम, यौन उत्पीड़न, बीमारी आदि जैसी बुराइयों को जन्म मिल रहा है। कोरोना अनलॉक में जब अन्य सभी गतिविधियां शुरू हैं, तो स्कूल शुरू क्यों नहीं हो सकते। दिल्ली सरकार कोरोना नियमों का पालन करते हुए 50 फीसदी क्षमता के साथ स्कूलों को फिर से खोलने दे। आवश्यकता पड़ने पर स्कूल कभी भी बंद किए जा सकते हैं।
अभिभावको के राष्ट्रव्यापी संगठन, ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन ने कहा, '' दिल्ली के सरकारी स्कूलों से तुंरत सभी राशन स्टोर, टीकाकरण केंद्र, राशन एवं खाद्य वितरण केंद्रों को स्थानांतरित करना चाहिए। छात्रों के लिए स्कूलों को तुरंत फिर से खोले जाएं। अकेले दिल्ली के ही 25 लाख छात्र पिछले साल मार्च 2020 से नियमित शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं।''
एक सर्वे के मुताबिक देश में अभी भी 70 फीसदी से अधिक अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। इन अभिभावकों का कहना है कि उनके क्षेत्रों में कोरोना की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित होने तक स्कूल नहीं खोले जाने चाहिए। दूसरी ओर, 30 फीसदी अभिभावक स्कूल खोले जाने की स्थिति में अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं।
इस बीच दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि महामारी की स्थिति सामान्य होने तक स्कूल बंद रहेंगे। हालांकि ऑनलाइन और सेमी-ऑनलाइन विधियों का उपयोग करते हुए शिक्षकों और छात्रों के बीच जुड़ाव जल्द दोबारा शुरू हो जाएगा।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कई छात्रों के पेरेंट्स ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सभी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने की मांग की है। ऐसे ही एक अभिभावक विमलेन्द्र सिंह ने कहा, '' सरकारी स्कूलों में अध्यापक मोबाइल फोन पर रिकॉर्डिड वीडियो भेजते हैं। छात्रों और शिक्षकों के बीच आनलाईन लाईव क्लास लगनी चाहिए। इससे छात्र और शिक्षक का संपर्क बना रहेगा। ''
दिल्ली सरकार का भी मानना है कि महामारी की शुरूआत के साथ, विद्यार्थियों की पढ़ाई का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। इस वर्ष न केवल बच्चों के लनिर्ंग गैप को कम करने की आवश्यकता है, बल्कि उन्हें इमोशनल सपोर्ट देने की जरूरत भी है। साथ ही विद्यार्थियों को टीचिंग लनिर्ंग प्रोसेस के लिए दोबारा मानसिक रूप से तैयार करने की जरूरत है।
दिल्ली में जहां स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया गया है, वहीं दिल्ली के कुछ पडोसी राज्य जुलाई माह से स्कूलों को खोलने पर विचार कर रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्कूल खोले जाने को लेकर फिलहाल सावधानी बरतने को कह रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक स्कूल खोलने से पहले छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके बाद ही इस दिशा में कोई कदम उठाया जाए।-आईएएनएस