चंडीगढ़, 19 जूनः
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने देश के महान एथलीट फ्लाईंग सिख मिलखा सिंह के देहांत पर गहरा दुख प्रकट किया। मिलखा सिंह जो 91 वर्षों के थे, बीती आधी रात पी.जी.आई., चण्डीगढ़ में कोविड से जूझते हुए चल बसे। वह अपने पीछे एक पुत्र और तीन बेटियाँ छोड़ गए। उनका पुत्र जीव मिलखा सिंह प्रसिद्ध गौलफर है।
अपने शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा, “देश के सर्वोत्तम एथलीट जिन्होंने भारत के लिए एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में कई स्वर्ण पदक जीतकर देश और पंजाब का नाम रौशन किया, के चले जाने से मुझे निजी तौर पर बहुत दुख हुआ है। पंजाब को अपने इस महान एथलीट पर हमेशा गर्व रहेगा।“
फ्लाईंग सिख के नाम से जाने जाते मिलखा सिंह ओलम्पिक फ़ाईनल में पहुँचने और राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतने वाले देश के पहले एथलीट थे। वह 100 करोड़ से अधिक आबादी वाले देश, भारत के आइकॉन खिलाड़ी थे। उन्होंने 1960 के रोम ओलम्पिक खेल की 400 मीटर दौड़ में चौथा स्थान हासिल किया। उन्होंने 1958 की कार्डिफ राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा 1958 की टोकियो एशियाई खेल और 1962 की जकार्ता एशियाई खेल में दो-दो स्वर्ण पदक जीते। मिलखा सिंह ने भारत की तरफ से तीन ओलम्पिक्स (1956 मेलबर्न, 1960 रोम और 1964 टोकियो) में हिस्सा लिया।
मिलखा सिंह को भारत सरकार ने खेल में दिए गए योगदान के लिए देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री के साथ सम्मानित किया।
मिलखा सिंह के परिवार, सगे-संबंधियों, दोस्तों और खेल प्रशंसकों के साथ दुख साझा करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने दिवंगत आत्मा की आत्मिक शांति और पीछे परिवार को ईश्वरीय आदेश मानने का बल प्रदान करने की अरदास की।