6 बुनियादी मांगों को लेकर संघर्ष लगातार जारी
नई दिल्ली, 9 फरवरी, देश क्लिक ब्यूरो:
छत्तीसगढ़ के आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं अपनी मांगों को लेकर संघर्ष की जमीन पर उतरी हुई हैं. छत्तीसगढ़ आंगनबाडी कार्यकर्ता सहायिका संघ के बैनर तले राज्य भर की आंगनबाडी कार्यकर्ता मांगों को लेकर धरना दे रही हैं.
राज्य स्तर के आमंत्रण पर 28 जनवरी से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने अपनी छह सूत्री मांगों को लेकर मोर्चा खोल रखा है. सरकार की नीति के कारण आंगनबाडी कार्यकर्ता सहायिका हड़ताल पर जाने को विवश है जिससे गर्भवती महिलाएं, लड़के व सामान्य बच्चे व बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं की मांगें
आंगनबाडी में कार्यरत सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित कर नर्सरी शिक्षक का पद देकर कलेक्टर रेट से भुगतान किया जाये.
विभाग के सेवा भर्ती नियमों में आंगनबाड़ी सहायिकाओं को रिक्त कर्मियों के पदों पर शत-प्रतिशत पदोन्नति एवं पर्यवेक्षकों के पदों पर कार्यरत कर्मियों को शत-प्रतिशत पदोन्नति देकर संशोधित किया जाए.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्राथमिक विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षक का दर्जा देकर वेतन दिया जाए।(MOREPIC1)
मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए तथा क्रेस कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पद पर शामिल किया जाए।
कर्मचारियों को 5 लाख और सहायकों को 3 लाख सेवानिवृत्ति के बाद एकमुश्त दिया जाए। साथ ही मासिक पेंशन ग्रेच्युटी एवं सामूहिक बीमा योजना लागू की जाए। राज्य स्तर पर आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए और जब तक पोषण ट्रेक व अन्य कार्य के लिए मोबाइल चार्ज नहीं किया जाता तब तक मोबाइल पर काम करने का दबाव नहीं डाला जाए।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की मांगों से आंख मूंद रही है राज्य व केंद्र सरकार : राष्ट्रीय अध्यक्ष उषा रानी
अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका महासंघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष उषा रानी ने कहा कि देश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं मांगों को लेकर संघर्ष कर रही हैं. आंगनबाडी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की मांगों को लेकर राज्य सरकारें व केंद्र सरकार गंभीर नहीं दिख रही है. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी में चल रही योजनाओं का पैसा पूर्व से काटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि महासंघ द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आंगनबाडी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को उनके अधिकारों के लिए लामबंद किया जा रहा है.