Punjab English Thursday, 08 May 2025 🕑
BREAKING
मुख्यमंत्री की ओर से सरकारी स्कूलों में पंजाबी शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की घोषणा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कैबिनेट की ओर से पंजाब के लिए नई कृषि नीति तैयार करने को मंजूरी मुख्यमंत्री द्वारा नायक कुलदीप सिंह की शहादत पर दुख व्यक्त पंजाब विधानसभा द्वारा चार महत्वपूर्ण बिल पास प्रधानमंत्री आवास योजना की ग्रांट हड़पने के आरोप में विजिलेंस ब्यूरो द्वारा पंचायत सचिव, सरपंच और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह द्वारा चल रही बैठक में जेई निलंबित, निजी कंपनी का कर्मचारी बर्खास्त, कईयों को कारण बताओ नोटिस जारी पंजाब सरकार द्वारा 9268 अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को 47.26 करोड़ रुपये जारी: डॉ. बलजीत कौर खन्ना मंदिर मामला : मंदिर कमेटी और हिंदू संगठनों के नुमाइंदों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात की, धन्यवाद दिया बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ द्वारा टेक्निकल ऑडिट और इंस्पेक्शन विंग द्वारा किए गए निरीक्षणों की समीक्षा डॉ. बलजीत कौर ने प्रारंभिक बचपन की शिक्षा के लिए "आरंभ" कार्यक्रम का शुभारंभ किया

ਸਾਹਿਤ

More News

कहानी संग्रह ``लाहौर का पागलखाना'' और `` मोची दा पुत्त'' पर चर्चा

Updated on Sunday, February 05, 2023 19:19 PM IST

 
मोरिंडा, 5 फरवरी (भटोआ)
 
           साहित्य सभा बेहरामपुर बेट की मासिक बैठक में सआदत हसन मंटो की पुस्तक 'मंटोनवां' के साथ अनिरुद्ध कला के कहानी संग्रह 'लाहौर दा पागलखान' और मोहन लाल फ्लोरिया की कहानी '' पर चर्चा हुई. हरनाम सिंह डल्ला की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कहानी संग्रह लाहौर दा पागलखाना का परिचय देते हुए कुलविंदर ने कहा कि सांप्रदायिक आधार पर संताली में विभाजन का विस्तार करने वाली यह पुस्तक पाठकों को धार्मिक कट्टरता से आगाह करती है।  इस पुस्तक के प्रभाव को स्वीकार करते हुए कुलविंदर ने कहा कि पूर्वाग्रह पर आधारित साम्प्रदायिक भावनाएं कभी भी मानवता की भलाई का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकतीं। तत्पश्चात मोहनलाल राही ने मोहनलाल फ्लोरिया की बहुचर्चित कहानी 'मोती दा पुत्त' पढ़कर उपस्थित साहित्यकारों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया। इस चर्चा में भाग लेते हुए डॉ. दौलत राम लोई, हरनाम सिंह डल्ला, सुरिंदर रसूलपुर और डॉ. तेजपाल सिंह कंग ने कहा कि यह कहानी मजदूर वर्ग के लोगों की स्थिति के बारे में बात करके और भारतीय सामाजिक संरचना में सम्मान देकर नए समाज का मार्गदर्शन कर रही है. जाति व्यवस्था को समाप्त कर ही मानवता का भला हो सकता है। इसके बाद डॉ. राजपाल सिंह ने सआदत हसन मंटो की किताब 'मंटोनवां' पर अपने विचार रखे और कहा कि मंटो आम भारत के प्रमुख विद्वान हैं। मंटोनावन' में सआदत हसन मंटो ने दुनिया के महान दार्शनिकों की विचारधाराओं को पाठकों के सामने रखा है। अपनी कहानियों, नाटकों और वैचारिक लेखन के लिए जाने जाने वाले इस लेखक को 'ईश्वर का साथी' भी कहा जाता है। इस मौके पर मनमोहन सिंह राणा, बापू सुच्चा सिंह अधरेड़ा, डॉ. गुरप्रसाद सिंह, राणा कंवरफुल सिंह और अजमेर फिरोजपुरी भी मौजूद रहे। इस दौरान उपस्थित साहित्यकारों ने भी अपनी रचनाओं का वाचन किया।
बापू सुच्चा सिंह अधरेड़ा ने अपनी पोती डॉ. जसप्रीत कौर के विवाह अवसर पर साहित्य सभा बेहरामपुर बेट को 3100 रुपये की आर्थिक सहायता भी दी.
Have something to say? Post your comment
X