पंजाब सिविल सचिवालय के वित्त विभाग में रैली कर कर्मचारियों ने आप सरकार की डांग टिपाऊ नीति का कड़ा विरोध किया.
चंडीगढ़: 09 नवंबर 2022, देश क्लिक ब्योरो-
पंजाब सिविल सचिवालय की ज्वाइंट एक्शन कमेटी के आमंत्रण पर आज सचिवालय के सभी कर्मचारियों ने वित्त विभाग में जोरदार रैली की। कर्मचारी सरकार से नाराज हैं कि सरकार के मंत्रियों ने पुरानी पेंशन की बहाली के लिए घोषणाएं और घोषणाएं की हैं लेकिन अभी तक इस संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की है, जबकि इन घोषणाओं का व्यापक रूप से राज्यों में विधानसभा चुनाव के साथ प्रचार किया जा रहा है। रैली के दौरान वक्ताओं ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने 2016 के बाद पदोन्नत कर्मचारियों को पदोन्नति की तारीख से 15 प्रतिशत वेतन आयोग बढ़ाने का विकल्प लागू किया था, लेकिन कर्मचारियों के आधिपत्य को दिखाने वाली सरकार कितनी आश्चर्यजनक है। इस विकल्प को लागू नहीं किया। इसके परिणामस्वरूप कर्मचारी विरोधी बंद हो गया है। कर्मचारी नेताओं ने पंजाब सरकार को आगाह करते हुए कहा कि सरकार उनकी मांगों को तुरंत पूरा करे, पुरानी पेंशन की इन-बिन बहाली, 2016 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों को पदोन्नति की तारीख से कमीशन में 15 प्रतिशत की वृद्धि का विकल्प दिया जाए। केंद्र का 7वां वेतन आयोग की जगह में पंजाब के छठे वेतन आयोग तुरंत लागू किया जाए तथा पत्र दिनांक 15.1.15 को वापिस लिया जाए तथा महंगाई भत्ते के संबंध में जारी पत्र में संशोधन करके महंगाई भत्ते की किश्तों के भुगतान की तिथि दर्शायी जाए, अन्यथा संयुक्त कार्यवाही समिति द्वारा मजबूरी में तीखा संघर्ष किया जायेगा। कर्मचारी नेता मनजीत सिंह रंधावा, कुलवंत सिंह, जसप्रीत सिंह रंधावा, जसवीर कौर, बलराज सिंह ने महंगाई भत्ते की शेष किश्त, 200 रुपये विकास कर की समाप्ति, उन्होंने सचिवालय के निजी कर्मचारियों को मिलने वाले विशेष भत्ते की तर्ज पर सचिवालय के अन्य कर्मचारियों के लिए विशेष भत्ता लागू करने, विकास कर रोकने की मांगों को तत्काल पूरा करने की भी अपील की। संयुक्त कर्मचारी मंच के संयोजक सुखचੈन खैरा ने कहा कि आम आदमी सरकार ने कर्मचारियों के साथ उनकी मांगों को पूरा करने के अपने वादे के कारण राज्य की सत्ता पर कब्जा कर लिया है, जबकि अब आप सरकार पुरानी पारंपरिक पार्टियों की रूढ़िवादी नीतियों का उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा करते हुए कच्चे कर्मचारियों को नियमित किया जाए और बयान देकर उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाए और आउटसोर्स कर्मचारियों को ठेके पर और आगे ले जाकर उनके लिए रास्ता खोला जाए। आउट सोर्स/दास प्रथा को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए, वेतन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन 2.59 के फार्मूले के अनुसार बढ़ाई जाए और सभी बंद भत्तों को लागू किया जाए। इस रैली में पंजाब सिविल सचिवालय और वित्तीय आयुक्त सचिवालय से परमदीप सिंह भाबत, दविंदर सिंह जुगनी, गुरप्रीत सिंह, जसबीर कौर, सुशील कुमार, मिथुन चावला, साहिल शर्मा, इंद्रपाल सिंह भंगू, मनदीप सिंह, संदीप, सौरभ, आदि ने हिस्सा लिया।