नई दिल्ली, 14 फरवरी
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार से कई जूनियर स्कूल 23 महीने के लंबे अंतराल के बाद फिर से खुल गए हैं। 2020 में लगाए गए प्रथम लॉकडाउन के बाद यह पहला मौका है जब यह स्कूल जूनियर छात्रों के लिए खुल रहे हैं। सोमवार को नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए दिल्ली के अधिकांश अधिकांश स्कूल खुल गए लेकिन कई प्राईवेट स्कूल अभी भी बंद ही हैं। स्कूल का पहला दिन होने के कारण बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए अभिभावकों भी छात्रों के साथ स्कूल पहुंचे। दरअसल स्कूल का पहला दिन होने के कारण जहां कई स्कूलों में स्कूल बस का इंतजाम नहीं था तो वहीं ऐसे में तो कई अभिभावक लगभग 2 साल बाद स्कूल आ रहे बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें स्कूल के गेट तक छोड़ने के लिए आए।
दक्षिण दिल्ली निवासी श्रेयस जोशी और उनकी पत्नी चौथी कक्षा में पढ़ने वाली अपनी बेटी नाव्या को छोड़ने स्कूल आए। जहां नन्ही नव्या स्कूल आने को लेकर उत्साहित दिखी। उसके पिता का कहना है कि बच्चों के नियमित तौर पर स्कूल जाते रहने से ही जहां बच्चों का मनोबल बढ़ेगा वहीं अभिभावकों का भी है संदेह भी धीरे-धीरे जाता रहेगा।
द्वारका में रहने वाली मीनल अरोड़ा भी पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले अपने बेटे देवांश को स्कूल छोड़ने आई। मीनल का कहना है बच्चे बाजार, पारिवारिक कार्य, पार्टी एवं बीते 2 साल के दौरान कई बार दिल्ली से बाहर भी जा चुके हैं। बच्चे अन्य गतिविधियों में शामिल होकर भी सुरक्षित रह सकते हैं तो फिर स्कूल जाने पर भी उन्हें कोई खतरा नहीं होना चाहिए।