सरकारीतंतर पर ग़ैरकानून्नी ढंग के साथ करोड़ों की पंचायती ज़मीनें हड़प्पण के लगाए गंभीर दोश
मोहाली, 7 फरवरी (देश क्लिक ब्योरो):
मौजूदा कांग्रेस सरकार ने पंचायती लैड्ड रूलों में संशोधन करके एक काला कानून बनाया था जिस अधीन गाँवों की पंचायती ज़मीनें 33 सालों या उस से अधिक समय के लिए लीज़ पर ली जा सकतीं हैं। वर्णनयोग्य है कि पहले पंचायत की ज़मीन सिर्फ़ दो साल के लिए ही लीज़ और के लिए जा सकती थी और जिस में 33 प्रतिशत हिस्सा दलित भाईचारो के लिए आरक्षित होता था।
आज यहाँ मोहाली प्रैस क्लब में पंजाब अगेंस्ट कुरप्पशन के प्रधान सतनाम सिंह दाऊं, किसान यूनियन (लक्खोवाल) के ब्लाक प्रधान गुरनाम सिंह दाऊं और अलग अलग गाँवों के नुमायंदों की तरफ से एक प्रैस कान्फ़्रेंस दौरान सरकारीतंतर पर गंभीर दोष लगाउंद्यें कहा कि ज़िला मोहाली के गाँवों में करोड़ों रुपए की किथत तौर पर कीमती पंचायती ज़मीनें दबने और बलबीर सिंह सिद्धू जैसे मंत्रियों और अन्य को भूमी -माफीए के साथ मिलीभुगत करके लाभ पहुँचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब जब पंजाब विधान सभा मतदान का माहौल पूरी तरह जला हुआ है तो पंजाब सरकार ने भूमी -माफीए की तर्ज़ पर चुप -चुपीते ढंग के साथ मोहाली एयरपोर्ट के पास के गाँव कुरड़ा की 140 कनाल (करीब 17 एकड़) से अधिक ज़मीन जेल बनाने के मंतव्य के साथ 33 साला लीज़ पर लेने के लिए ज़िला विकास और पंचायत अफ़सर के पत्रों के द्वारा ग्राम पंचायत गाँव कुरड़ा के पास से तारीख़ 31 दिसंबर 2021 को संकल्प पहना लिए गए हैं। गाँव कुरड़ा की पंचायत के बहुत से मैंबर कांग्रेस पार्टी के समर्थक और विधायक श्री बलबीर सिंह सिद्धू के करीबी होने के कारण यह शक प्रकट होता है कि मतदान के नतीजों से पहले पहले गाँव कुरड़ा की ज़मीन निगल के लिए जाऐगी। इस सम्बन्धित गाँव कुरड़ा के लोगों ने पंजाब अगेंस्ट कुरप्पशन के प्रधान सतनाम दाऊं के साथ संपर्क किया और संघर्ष शुरु करने की तैयारी की है।
उन्होंने कहा कि यह शक तब यकीन में बदल गया जब पंजाब के सेहत मंत्री रहे बलबीर सिंह सिद्धू ने अपने रिहायशी पते पर बाल गोपाल गौशाला नाम की संस्था रजिस्टर्ड करवा कर मोहाली के गाँव बलौंगी की पंचायत को सरकारी दबकर मरवाने की चिट्ठियाँ भेज कर 10 एकड़ ज़मीन लीज़ पर ले ली और बाद में ज़मीन पकी तरह हड़प्पण के लिए अपने भाई और मोहाली के मेयर जीती सिद्धू के द्वारा बलौंगी गाँव की पंचायत ख़त्म करके गाँव नूं म्युंसपल कौंसिल में शामिल करन की कार्यवाही आरंभ दी है। बलौंगी की तर्ज़ पर मोहळी के गाँव दाऊं, वट वृक्ष घटना, बल्ल्हो घटना, सिक्ख ऐतिहासिक गाँव चप्पड़चिड़ी, बहुत और दैड़ी आदि दे गाँव की पंचायती ज़मीनें को सरकार, मंत्री और रसूखदारें दे भूमी माफीए से ख़तरा बना हुआ है और कई मामला अदालत में विचार अधीन भी हैं। इसी तरह खरड़ विधान सभा हलके गाँव चन्दपुर के 86 एकड़ पंचायती ज़मीन को कांग्रेसी भूमी माफिया से बचाने के लिए भी लोगों को पंजाब अगेंस्ट कुरप्पशन संस्था की मदद के साथ संघर्ष करने पड़े थे और अब मामला अदालत में विचार अधीन है।
मीडिया को संबोधन करते उपस्थित सदस्यों ने कहा कि नयी सरकार बनने पर हम पंचायती ज़मीनें दबने के लिए बनाई समिति इस काले कानून का विरोध करके इस को रद्द करवाने की माँग करेंगे और पंचायती ज़मीनें को बचाने के लिए हर तरह का संघर्ष करेंगे। उन वोटरों से अपील की है कि जो जो गाँवों की ज़मीनें 33 साला लीज़ पर लेने की कोशिशों की जा रही हैं, गाँवों को म्युंसपल निगम और समितियों में शामिल करन की कोशिश की जा रही है और जो गाँव वासियों का उन ज़मीनें में हिस्सा बनता है, पास से कोई रज़ामंदी नहीं के लिए जा रही, उन सभी गाँवों में पंचायतों सम्बन्धित उम्मीदवारों को सबक सिखाने का मौका 20 फरवरी को है और लोग इस के विरोध के तौर पर अपनी वोट का प्रयोग ज़रूर करन।
इस मौके सतनाम दाऊं, एडवोकेट बलदेव सिद्धू, केसर सिंह बलौंगी, जर्नैल सिंह पंच बलौंगी, मुख़्त्यार सिघ, गुरनाम सिंह किसान नेता, हरविन्दर सिंह राजू, रजीव दीवान, सरबजीत सिंह, निर्मल सिंह बिल्लू, रवीन्द्र सिंह, सुबम गिरी चन्दपुर, श्री राम चन्दपुर और कुलदीप सिंह चन्दपुर आदि उपस्थित थे।