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पंजाब सरकार द्वारा वैट के 40,000 लम्बित केस रद्द

Updated on Monday, December 20, 2021 15:21 PM IST
कर विभाग की तरफ से बकाया 8000 से अधिक मामलों का भी निपटारा करने के लिए प्रक्रिया शुरू

व्यापारी टैक्स देनदारी का केवल 30 फ़ीसद जमा करवाएंगे

चंडीगढ़, 20 दिसंबरः

राज्य में व्यापार और उद्योग को बड़ी राहत देते हुये पंजाब सरकार की तरफ से वित्तीय साल 2014-15, 2015-16 और 2016-17 से सम्बन्धित केंद्रीय बिक्री कर /वेल्यु एडिड टैक्स (वैट) के अधीन आते 48,000 से अधिक मामलों में से तकरीबन 40,000 मामलों को रद्द कर दिया गया है। ज़िक्रयोग्य है कि पंजाब के मुख्यमंत्री स. चरणजीत सिंह चन्नी ने लुधियाना में प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन में इस फ़ैसले का ऐलान किया था।

कर (टैक्सेशन) विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि विभाग ने वित्तीय साल 2014-15 के बकाया तकरीबन 8500 मामलों का मूल्यांकन मुकम्मल कर लिया है और व्यापारियों को टैक्स देनदारी का सिर्फ़ 30 फ़ीसद जमा करवाने के लिए कहा गया है। विभाग ने इन मामलों का निपटारा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। व्यापारियों को और राहत देते हुये कर विभाग ने उनको मौजूदा वित्तीय साल के दौरान उपरोक्त टैक्स देनदारी का सिर्फ़ 20 प्रतिशत जमा करवाने के लिए कहा है और बाकी 80 प्रतिशत अगले वित्तीय साल तक जमा करवाना होगा।

पंजाब सरकार राज्य में कारोबार को और आसान बनाने के लिए उद्योग समर्थकी माहौल सृजन करने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है। सरकार का व्यापार और उद्योग को पूर्ण सहयोग पंजाब को देश भर में अग्रणी राज्य के तौर पर उभारने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि यह उद्योग-समर्थकी पहलकदमी उद्योगपतियों को राज्य में बड़े स्तर पर निवेश करने के लिए उत्साहित करने के साथ साथ उनके मनोबल को बढ़ाएगी।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि कर विभाग ने जीएसटी और वैट की बिना हाजिर हुए मूल्यांकन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जिसके अंतर्गत अब व्यापारियों और उद्योगपतियों को टैक्स अधिकारियों के आगे ख़ुद उपस्थित होने की ज़रूरत नहीं है।
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